(Sample Material) रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB आरआरबी) परीक्षा के लिए अध्ययन सामग्री: सामान्य ज्ञान - "भारतीय अर्थव्यवस्था"
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आर्थिक नियोजन
आर्थिक नियोजन का अर्थ-
आर्थिक नियोजन प्रणाली वे$ तहत सरकार द्वारा राष्ट्र वे$ दुर्लभ साधनों वे$ प्रयोग की एक ऐसी योजना तैयार की जाती है जिसवे$ द्वारा उपलब्ध साधनों का श्रेष्ठतम उपयोग करवे$ सामाजिक कल्याण को अधिकतम बनाने वे$ लिए प्रयत्न किये जाते हैं। नियोजन द्वारा राज्य वे$ अंगों द्वारा देश वे$ आर्थिक संसाधनों और सेवाओं की एक निश्चित अवधि वे$ लिए आवश्यकताओं का पूर्वानुमान लगाया जाता है।
स्वतन्त्राता प्राप्ति वे$ समय भारत में प्रत्येक क्षेत्रा में पिछड़ापन विद्यमान थी, अतः विभिन्न समस्याओं से निपटने वे$ लिए यह आवश्यक था कि आर्थिक नियोजन का सहारा लिया जाये। इस प्रकार भारत में नियोजित आर्थिक विकास का शुभारम्भ 1 अप्रैल 1951 को हुआ।
योजना आयोगµयोजना आयोग का भारतीय संविधान में कोई उल्लेख नहीं है, अत इसका गठन परामर्शदात्राी व विशेषज्ञ संस्था वे$ रूप में सरकार वे$ एक प्रस्ताव द्वारा हुआ। 7 मार्च 1950 को प्रधानमंत्राी की अध्यक्षता में योजना आयोग की नियुक्ति हुई।
योजना आयोग वे$ कार्यµयोजना आयोग देश वे$ भौतिक, पूँजीगत एवं मानवीय संसाधनों का अनुमान लगाता है तथा राष्ट्रीय संपदाओं का अधिकाधिक श्रेष्ठतम उपयोग वे$ लिए योजना तैयार करता है।
योजना वे$ विभिन्न चरणों का निर्धारण, संसाधनों का आवंटन, विभिन्न चरणों की समीक्षा तथा सुधारात्मक सुझाव आदि कार्य योजना आयोग करता है।
वर्तमान योजना आयोग की संरचना (कुछ प्रमुख सदस्य)- (1) डाॅ. मनमोहन सिंह (प्रधानमंत्राी)-पदेन अध्यक्ष, (2) मोटेक सिंह अहल्यूवालिया- उपाध्यक्ष, (3) प्रणव मुखर्जी, (4) लालू प्रसाद यादव, (5) अर्जुन सिंह, (6) शरद पवार, (7) पी. चिदम्बरम, (8) प्रो. अभिजीत सेन, (9) बी.एन. युगान्धर, (10) राजीव रत्नशाह, सदस्य सचिव।
राष्ट्रीय विकास परिषद- यह भी एक गैर सांविधानिक निकाय है, जिसका गठन आर्थिक नियोजन हेतु राज्यों एवं योजना आयोग वे$ बीच सहयोग का वातावरण बनाने वे$ लिए हुआ था। वे$न्द्र सरकार वे$ एक प्रलेख द्वारा 6 अगस्त, 1952 को राष्ट्रीय विकास परिषद का गठन हुआ। प्रधानमंत्राी ही इसवे$ अध्यक्ष तथा योजना आयोग का सचिव ही इसका भी सचिव होता है। वर्तमान समय में प्रत्येक राज्यों वे$ मुख्यमंत्राी, वे$न्द्रीय मन्त्रिापरिषद् वे$ सभी सदस्य, वे$न्द्रशासित प्रदेशों वे$ प्रशासक तथा योजना आयोग वे$ सभी सदस्य इसवे$ पदेन सदस्य होते हैं।
राष्ट्रीय विकास परिषद वे$ कार्य- इसका कार्य राष्ट्रीय योजना वे$ संचालन का समयबद्ध मूल्यांकन करना है। राष्ट्रीय योजना में निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति वे$ लिए सुझाव देना, योजना आयोग द्वारा तय की गई योजना का अध्ययन करना तथा राष्ट्रीय विकास को प्रभावित करने वाली सामाजिक एवं आर्थिक नीतियों की समीक्षा करना है।
अन्तर्राज्यीय परिषद- योजना आयोग एवं राष्ट्रीय विकास
परिषद जहाँ संविधानेतर निकाय है वही अन्तर्राज्यीय परिषद
संवैधानिक संस्था है। वे$न्द्र और राज्य वे$ मध्य समन्वय स्थापित करने वे$ लिए
राष्ट्रपति संविधान वे$ अनुच्छेद 263 वे$ तहत ऐसी परिषद की स्थापना करता है।
आर्थिक नियोजन कुछ प्रमुख तथ्य
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भारत में नियोजन की आवश्यकता वे$ सन्दर्भ में एक पुस्तक ;च्संददमक म्बवदवउल वित प्दकपंद्ध भारत वे$ लिए नियोजित अर्थव्यवस्था सन् 1934 में प्रकाशित हुई थी, इस पुस्तक वे$ लेखक एम. विश्ववरैया थे।
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मुम्बई में आठ प्रमुख उद्योगपतियों द्वारा 1944 में एक योजना प्रस्तुत की गई जो ‘बाॅम्बे प्लान’ कहलाती है। उसवे$ बाद 1944 में ही श्री मन्नारायण द्वारा ‘गाँधीवादी योजना’, 1945 में श्रमिक नेता एस.एन. राय द्वारा ‘जन योजना’ तथा 1950 में जयप्रकाश नारायण द्वारा ‘सर्वोदय योजना’ प्रस्तुत की गई।
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भारत में योजना आयोग का गठन 15 मार्च 1950 को एक गैर सांविधानिक तथा परामर्शदात्राी वे$ रूप में किया गया।
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भारत वे$ प्रधानमंत्राी योजना आयोग वे$ पदेन अध्यक्ष है।
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राष्ट्रीय विकास परिषद का गठन 6 अगस्त 1952 को किया गया था।
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भारत की पहली पंचवर्षीय योजना 1 अप्रैल 1951 से प्रारम्भ की गई थी।
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1 अप्रैल 2007 से ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना प्रारम्भ की गई थी।
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तीसरी पंचवर्षीय योजना ;1961.66द्ध तथा चैथी पंचवर्षीय योजना ;1969.74द्ध वे$ बीच, तीन वर्ष की अवधि में तीन एक वर्षीय योजना क्रियान्वित की गई।
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पाँचवी पंचवर्षीय योजना ;1974.79द्ध को जनता पार्टी की सरकार द्वारा अपने निर्धारित समय से एक वर्ष पूर्व ही समाप्त घोषित करवे$ छठी योजना ;1978.83द्ध लागू की गई थी, जिसे पुनः बदल दिया गया था।
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1978.83 वे$ लिए बनाई गई छठी योजना को ‘अनवरत योजना’ का नाम दिया गया था।
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न्यायपूर्ण वितरण एवं समानता वे$ साथ विकास को नौवीं पंचवर्षीय योजना का मुख्य लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
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घरेलू निवेश एवं बचत की औसत वार्षिक वृद्धि दर को 11वीं योजना वे$ दौरान ळक्च् वे$ क्रमशः 36ण्7ः तथा 34ण्8ः करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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2001 से 2011 तक वे$ दशक में जनसंख्या संवृद्धि की दशकीय वृद्धि दर को घटाकर 16ण्2 प्रतिशत वे$ स्तर पर लाने का लक्ष्य
निर्धारित किया गया है। -
वर्ष 2011.12 तक ग्यारहवीं योजना अवधि में 7 वर्ष आयु तथा उसवे$ उ$पर वे$ लिए साक्षरता दर को बढ़ाकर 85ः तक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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सन् 2012 तक देश वे$ सभी गाँव में स्वच्छ पेयजल की अविरत पहुँच सुनिश्चित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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11वीं योजना में वु$ल प्रजनन दर को 2ण्1 तक नीचे लाने की बात कही गई है।
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सन् 2009 तक 1000 जनसंख्या वाले सभी गाँवों (पर्वतीय एवं जनजातीय क्षेत्रों में 500 जनसंख्या) तक सभी मौसमों वे$ लिए उपयुक्त पक्की सड़वे$ बनवाने की बात 11वीं योजना में कही गयी है।
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना
देश की ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना वे$ प्रारूप को योजना आयोग ने 8 नवम्बर, 2007 को वे$न्द्रीय मन्त्रिामण्डल ने 30 नम्वबर, 2007 को तथा राष्ट्रीय विकास परिषद् ने 19 दिसम्बर, 2007 को मंजूरी प्रदान की। 2007.12 की अवधि वाली इस योजना में वु$ल परिव्यय 36ए44ए718 करोड़ रुपए प्रस्तावित है, जो पूर्वीटर्ती 10वीं पंचवर्षीय योजना वे$ परिव्यय वे$ दोगुने से भी अधिक है। प्रास्तावित परिव्यय में वे$न्द्र की भागीदारी 21ए56ए571 करोड़ रुपए की होगी, जबकि शेष 14ए88ए147 करोड़ रुपए की भागीदारी राज्यों की होगी। आधारिक संरचना वे$ विकास हेतु निजी क्षेत्रा की भागीदारी, जो इसवे$ अलावा होगी, पर विशेष बल इस योजना में दिया गया है। योजना वे$ परिव्यय हेतु सकल बजटीय समर्थन ;ळठैद्ध 14ए21ण्711 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया। सकल बजटीय समर्थन का 74ण्67 प्रतिशत भाग प्राथमिकता वाले क्षेत्रों ;च्तपवतपजल ैमबजवतेद्ध वे$ लिए व शेष 25ण्33 प्रतिशत भाग गैर-प्राथमिकता वाले क्षेत्रों ;छवद.च्तपवतपजल ैमबजवतेद्ध वे$ लिए होगा। सामाजिक आर्थिक विकास में महिलाओं, अल्प-संख्यकों, अनुसूचित जातियों व जनजातियों की भागीदारी हेतु इन वर्गों वे$ विकास हेतु कई नई योजनाएँ शुरू करने का प्रस्ताव योजना में किया गया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन व आधारित संरचना का विकास इस योजना की प्राथमिकताओं में शामिल है।
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में 9 प्रतिशत वार्षिक विकास दर प्राप्त करने का लक्ष्य है, अन्तिम वर्ष 2011.12 में 10 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। योजना वे$ वित्तीयन हेतु 2007.12 की अवधि में बचत की दर सकल घरेलू उत्पाद ;ळक्च्द्ध वे$ 34ण्8 प्रतिशत तथा निवेश की दर 36ण्7 प्रतिशत बनाए रखने का लक्ष्य योजना दस्तावेज में निर्धारित की गई है। निर्धनता अनुपात में 10 प्रतिशत बिन्दु की कमी करना। रोजगार वे$ 7 करोड़ नए अवसर सृजित करना, प्राइमरी में ड्राॅप आउट दर 20 प्रतिशत से नीचे लाना, साक्षरता दर को 85 प्रतिशत तक पहुँचाना, 2009 तक सभी को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति तथा योजना वे$ अन्त तक सभी गाँवों का विद्युतीकरण योजना वे$ अन्य लक्ष्यों में शामिल है। राष्ट्रीय स्तर 27 व राज्यों वे$ लिए 13 लक्ष्य इस योजना में निर्धारित किए गए हैं। इन लक्ष्यों को निगरानी वे$न्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा की जाएगी।ै
राष्ट्रीय आय
राष्ट्रीय आय की वु$छ महत्त्वपूर्ण अवधारणाएँ निम्नलिखित हैं-
1. सकल घरेलू उत्पाद- सकल घरेलू उत्पाद (GDP) देश वे$
भीतर किसी दी हुई समयावधि में उत्पादित वु$ल अन्तिम वस्तुओं तथा सेवाओं का मूल्य
होती है।
2. सकल राष्ट्रीय उत्पाद- सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) किसी देश वे$ नागरिकों
द्वारा किसी दी हुई समयावधि में उत्पादित वु$ल अन्तिम वस्तुओं तथा सेवाओं का
मौद्रिक मूल्य होती है।
GNP = GDP + X – M
जहाँ x = देशवासियों द्वारा विदेशों में अर्जित आय
M = विदेशियों द्वारा देश में अर्जित आय
3. शुद्ध्र राष्ट्रीय उत्पाद- शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNP)
जानने वे$ लिए GNP में से पूँजी स्टाॅक की खपत या मूल्य Ðास को घटाना होता है,
अर्थात्
NNP = GNP – Depreciation
4. राष्ट्रीय आय-शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद NNP का
मूल्यांकन जब साधन लागत पर किया जाता है, तो उसे ही राष्ट्रीय आय कहा जाता है।
अर्थात्
राष्ट्रीय आय = बाजार कीमत पर NNP - अप्रत्यक्ष कर + सब्सिडी
5. वैयक्तिक आय- वैयक्तिक आय वह आय है, जो देशवासियों को वास्तव में प्राप्त होती है। अर्थात्
वैयक्तिक आय = NI - निगमों का अवितरित लाभांश - निगम कर - सामाजिक सुरक्षा योजना वे$ लिए किये गये भुगतान + व्यापारिक हस्तांतरण भुगतान + सरकारी हस्तांतरण भुगतान - राष्ट्रीय आय को मापने को विभिन्न विधियाँ होती हैं, लेकिन भारत जैसे देश में इसकी गणना वे$ लिए उत्पादन प्रणाली तथा आय प्रणाली का सम्मिश्रण प्रयोग किया जाता है। 2007.08 में पूरे भारत में प्रतिव्यक्ति आय चालू मूल्यों पर 33,299 रुपये व स्थिर मूल्यों पर 24,321 रुपये रही है।