रेलवे में सुरक्षा हेतु व्यापक उपाय
रेल मंत्री श्री मलिक्कार्जुन खरगे ने आज लोक सभा में बताया कि रेलों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पिछले 4 वर्षों के दौरान 6913 आरपीएफ कर्मचारी स्वीकृत किए हैं (सभी भारतीय रेलों के लिए 2010 में 5134, कोलकाता मेट्रो के लिए 2011 में 723 और महिला वाहिनी की महिला कंपनियों के लिए 2013 में 1056)। रिक्त पदों को भरने के लिए 511 सब-इन्सपेक्टरों की भर्ती पूरी हो गई है और चिकित्सा जांच में फिट पाए गए उम्मीदवारों का प्रशिक्षण तथा पुलिस सत्यापन 15.01.2014 शुरू हो गया है। कांस्टेबलों के 17087 पदों के लिए लिखित परीक्षा का परणिाम 19.01.2014 को प्रकाशित कर दिया गया है। इनके लिए शारीरिक कुशलता परीक्षा शीघ्र ही आयोजित की जाएगी। इसके अलावा, आनुषंगिक कर्मचारियों के 659 पदों को भरने के लिए अधिसूचना भी प्रकाशित की गई है।
स्टेशन, मंडल और जोनल स्तर पर राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) और आरपीएफ के बीच नियमित बैठकें आयोजित करने लिए एक समन्वय तंत्र विद्यमान है। रेलवे बोर्ड/जोनल रेलवे से आरपीएफ के दौरा करने वाले अधिकारी राज्य पुलिस के प्राइज़ के साथ बैठक आयोजित करते हैं। इन बैठकों के दौरान प्रभावित खंडों/गाडि़यों, पुलिस कर्मचारियों की तैनाती, रेलपथ की सुरक्षा आदि से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाती है।
केंद्रीय स्तर पर मल्टी एजेन्सी केंद्र (एमएसी) और राज्य स्तर पर राज्य मल्टी एजेंसी केन्द्र (एसएमएसी) पर बैठकों में भाग लेने के लिए आरपीएफ से स्थायी प्रतिनिधि को मनोनीत करके जीआरपी/राज्य पुलिस प्राधिकारियों और केंद्रीय आसूचना एजेंट के साथ समन्वय तंत्र को बढ़ाया गया है।
रेलों पर अपराधों की रोकथाम करना और उनकी जांच करना तथा कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकारों की सांविधिक जिम्मेदारी है, जिसका निर्वहन वे जीआरपी के माध्यम से करती है। आरपीएफ संबंधित राज्य सरकार के प्रयासों में सहायता करती है।
यात्रियों, विशेषरूप से महिला यात्रियों की सुरक्षा में सुधार लाने के लिए रेलों द्वारा निम्नलिखित उपाय किए जा रहे हैं
- विभिन्न राज्यों के राजकीय रेलवे पुलिस द्वारा 2200 गाडियों के मार्गरक्षण के अलावा आरपीएफ द्वारा प्रतिदिन औसतन 1275 गाडि़यों का मार्गरक्षण किया जा रहा है।
- मध्य, पूर्व, उत्तर, पश्चिम और दक्षिणी रेलों के उपनगरीय खंडों में महिला आरपीएफ कर्मचारियों, जहां-कहीं उपलब्ध हों, द्वारा महिला स्पेशल गाडि़यों का मार्गरक्ष्ण किया जा रहा है।
- ट्रेन एस्कॉर्ट पार्टियों को महिला कंपार्टमेंटों में अतिरिक्त सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।
- प्रमुख महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों पर क्लोज़ सर्किट टेलीफोन (सीसीटीवी) के जरिए संदिग्धों पर निगरानी रखी जाती है।
- 202 संवदेनशील और भेद्य रेलवे पर निगरानी तंत्र सुदृढ़ करने के लिए सीसीटीवी कैमरा नेटवर्क के जरिए भेद्य स्टेशनों की इलैक्ट्रानिक निगरानी सहित एक्सेस कंट्रोल, तोड़फोड़ रोधक जांच की एक समेकित सुरक्षा प्रणाली बनाई की गई है।
- यात्रियों, वशेष् रूप से महिला यात्रियों को अप्रिय घटनाओं के बारे में सूचना देने की सुवधिा के लिए कुछ क्षेत्रीय रेलों के जोनल कंट्रोल रूप में हेल्पलाइन नंबर शुरू किए गए हैं। इन सुरक्षा हेल्पलाइनों के नंबर महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों पर और गाडि़यों के सवारी डिब्बों में स्पष्ट रूप से दखिाई देने वाली जगहों पर प्रदर्शित किए गए हैं।
- महिला कंपार्टमेंटों में पुरूष यात्रियों का प्रवेश रोकने के लिए नियमित रूप से अभियान चलाए जाते हैं और उनके पकड़े जाने पर रेल अधिनियम के प्रावधान के तहत उन पर मुकदमा चलाया जाता है।
- जीआरपी और स्थानीय पुलिस के साथ निकट समन्वय बनाए रखा जाता है।
Courtesy : PIB